Sunday, November 30, 2008

अभी अभी भारत पर एक अभूतपूर्व आतंकी आक्रमण हुआ जिस पर भारत के कर्णधारों ने बहुत ही ठंडी और अलग अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की, ऐसा बिल्कुल नही लगा कि वह लोग बहुत गंभीर हैं ऐसा प्रतीत होता है कि यदि इस प्रकार का कोई आक्रमण उन लोगों पर होता है तभी वह गंभीर होते हैं सामान्य लोग तो मरते ही रहते हैं इस राष्ट्र में नेताओं को छोड़ कर संभवतः कोई कहीं पर भी सुरक्षित नही है सड़क पर, मैदान में, नगर में, ग्राम में, बस में, ट्रेन में, हवाई जहाज में, घर में, होटल में, देश की राजधानी में कहीं भी(नेता को छोड़ कर जिनकी सुरक्छा में गार्ड रहते हैं) स्त्री, पुरूष,बालक, वृद्ध किसी को भी कोई भी कभी भी मार् सकता है, सता सकता है, मरने वाले के परिजनों को कुछ रूपए देने की घोसडा कर दी जाती है