Thursday, January 8, 2009

आख़िर लोकतंत्र जीत गया

आज झारखण्ड के मुख्यमंत्री शेबुशरेन उर्फ़ 'गुरूजी' को विधान सभा उपचुनावों में हार का सामना करना पड़ा। एक समय उन्हें न्यायालय ने हत्या के अपराध का दोषी पाया था और आजन्म कारावास की सजा भी सुनाई थी, परन्तु अपने प्रभाव और रसूख के चलते ऊपरी न्यायालय से कमजोर और अपर्याप्त साक्छों के आधार पर निर्दोष करार दिए गए थे, और वे झारखंड के मुख्यमंत्री बन गए, जिससे सम्पूर्ण जनता स्तब्ध और अपने को ठगा सा अनुभव कर रही थी। परन्तु जिस प्रकार जनता ने चुनावों में अपना निर्णय दिया है वह एक शुभ लक्छान है, जनता ने बता दिया है की ' ये पब्लिक है सब जानती है। ऐसा प्रतीत होता है जनता ने निश्चय कर लिया है की अब वह इनके झांसे में ना आकर अपने विवेक से मतदान कर के अपराधियों और भ्रस्ट नेताओं को देश की बागडोर नही सौंपेगी। ये नेता न्यायालय और क़ानून की आंखों में धूल झोंक सकते है, परन्तु जनता को बहुत दिनों तक मूर्ख नहीं बना सकते हैं। क्या यह जागरूकता निरंतर बनी रह सकेगी और आगे आने वाले चुनावों में बाहुबली, अपराधियों और भ्रस्ट नेताओं का सफाया हो सकेगा। झारखंड के इस चुनाव परिणाम को देख कर तो ऐसा ही प्रतीत होता है।