पराव्लोकन सर्वादिक सहज और आत्मावलोकन सर्वाधिक कठिन कार्य है, मेरे लिए पराव्लोकन और पर समीक्छा ही अत्यंत कठिन है फिर आत्मावलोकन तो संभव ही नहीं है, मैं कुशलता पूर्वक प्रभावी ढंग से भावाभिव्यक्ति में सक्छम नहीं हूँ, फिर भी ब्लॉग पर अपने उदगार व्यक्त कर रहा हूँ कि शायद स्थापित और विद्वान् ब्लोगेर्स के कुशल मार्ग दर्शन एवं विवेचनाओं से कुछ सीख सकूँ, क्यों कि सीखने की कोई आयु नहीं होती है|
No comments:
Post a Comment