Thursday, December 4, 2008
आतंकवाद
भारत सरकार कह रही है कि दस आतंकी बहार से आए और उन्होंने तीन दिक् तक पूरे राष्ट्र को बंधक जैसा बना लिया क्या यह बात किसी के भी गले उतर सकती है इस हमले में यहाँ के स्थनीय लोग उनसे मिले नही थे या उनकी परोक्छ या अपरोछ रूप से सहायता नही कर रहे थे आज इस राष्ट्र का यह दुर्भाग्य है कि अधिकांश दुर्दांत अपराधी या तो स्वयं नेता हैं या उन्हें नेताओं का संरक्छान प्राप्त है जिन का जमीर केवल पैसा है, उनके लिए किसी की जान लेना एक खेल मात्र है कश्मीर में भीम सिंह ने मुफ्ती मोहम्मद सईद पर गंभीर आरोप लगायें हैं कि अच्छर धाम मन्दिर के आतंकी उनके यहाँ रुके थे यह एक गंभीर बात है यदि यह झूट है तो किसी का भी इस प्रकार चरित्र हनन एक गंभीर अपराध है और यदी यह सत्य है तो इस प्रकार के आतंकी आक्रमण होते रहेंगे और ये नेता इसी प्रकार दिखावटी विलाप करते रहेंगे वे स्वयं तो कमांडो के मध्य सुरक्छित हैं, सामान्य जनता तो मरती ही रहती है क्या कभी वह दिन आएगा जब जनता इनके पारिवारिक जनो को सांत्वना के लिए चेक देगी, जब ऐसा होगा तभी शायद ये लोग सुधर सकेंगे
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