Wednesday, December 17, 2008

शहादत पर आंच

बाटला कांड हो या मुंबई कांड वहां शहीद हुए सैन्य अधिकारियों की शहादत पर सत्ता पक्छ की ओर से जिस प्रकार संदेह व्यक्त किया गया है वह दुर्भाग्य पूर्ण है, इसकी गंभीर जांच होनी ही चाहिए की घर का भेदी लंका दावे की तर्ज पर इस में भी यहाँ के लोगों का ही हाथ तो नही है और जनता का ध्यान बांटने के लिए पाकिस्तान को दोषी बताया जा रहा हो और इसीलिये कोई ठोस कार्यवाही नही की गयी है जब सत्ता पछ ही एक मत नही है तो सम्पूर्ण राष्ट्र से क्या अपेछा की जा सकती है क्या इस विषय पर भी ध्यान दिया जाएगा की आतंकी घटना के दिन ताज होटल में विभिन्न राजनीतिक दलों के चार सांसद उपस्थित थे और सब के सब सुरक्छित बच गए यह मात्र सय्न्योग था या ....... कहीं रामायण की तरह ही हनुमानजी द्वारा पूरी लंका जलाने पर भी केवल विभीसढ़ का घर ही बच गया था, उसी की पुनरावृत्ति तो नहीं की गयी है यदि ऐसा है तो इसकी भी परिणति नोट के बदले वोट जैसी ही होगी और जांच में कुछ भी नहीं पाया जाएगा

3 comments:

राहुल सि‍द्धार्थ said...

देखिए आगे क्या होता ??

परमजीत सिहँ बाली said...

सही बात है। इस बारे में भी खोजबीन होनी चाहिए।

चंद्रमौलेश्वर प्रसाद said...

क्या अब भी संदेह है जब घर के भेदी मीनारों के बुर्जों से पुकार रहे हैं - हां, दिल्ली के मीनारों से भी!